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Ae Nargise Mastana Lyrics & Chords By Mohammed Rafi
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ऐ नर्गिस-ए-मस्ताना, बस इतनी शिकायत है
समज़ा हमे बेगाना, बस इतनी शिकायत है
हर राह पर कतराये, हर मोड़ पर घबराये
मुँह फेर लिया है तुमने, हम जब भी नज़र आये
हम को नहीं पहचाना, बस इतनी शिकायत है
हो जाते हो बरहम भी, बन जाते हो हमदम भी
ऐ साकी-ए-मयखाना, शोला भी हो, शबनम भी
खाली मेरा पैमाना, बस इतनी शिकायत है
हर रंग कयामत है, हर ढंग शरारत है
दिल तोड़ के चल देना, ये हुस्न की आदत है
आता नहीं बहलाना, बस इतनी शिकायत है